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Showing posts from February, 2021

यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण सूची जारी होने के बाद होगा तारीखों का ऐलान, 10 से 23 अप्रैल के बीच मतदान की हो रही तैयारी

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यूपी पंचायत चुनाव : आरक्षण सूची जारी होने के बाद होगा तारीखों का ऐलान, 10 से 23 अप्रैल के बीच मतदान की हो रही तैयारी यूपी में होने जा रहे पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों, उनके समर्थकों व कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के लिए अप्रैल का महीना बहुत अहम रहेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र और जिला पंचायत सदस्य के चार पदों के मतदान के लिए जिस प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार तैयारी शुरू की है, उसके मुताबिक आगामी 25-26 मार्च को इन चुनावों के लिए अधिसूचना जारी होगी।  इसके बाद अप्रैल की शुरुआत से ही नामांकन दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 10 अप्रैल को पहले चरण का मतदान करवाने की तैयारी है। इसके बाद दो से तीन दिन के अंतराल पर अन्य तीन चरणों का मतदान करवा कर यह प्रक्रिया 23 अप्रैल तक पूरी कर ली जाएगी। चार चरणों में होने वाले इस चुनाव के लिए  अप्रैल की शुरुआत से आरम्भ होने वाली नामांकन प्रक्रिया दो दिन नामांकन दाखिले, दो दिन नामांकन पत्रों की जांच, एक दिन नामांकन वापसी, एक दिन चुनाव चिन्ह आवंटन और नामांकन वापसी के बाद से छह से सात दिन चुनाव प्रचार के लिए निर्धारि

पेंशन मामला : केरल हाईकोर्ट के फैसले पर 'सुप्रीम' मोहर, भविष्य निधि पेंशन कितनी मिलेगी, यह जानने के लिए करना होगा इंतजार

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पेंशन मामला : केरल हाईकोर्ट के फैसले पर 'सुप्रीम' मोहर, भविष्य निधि पेंशन कितनी मिलेगी, यह जानने के लिए करना होगा इंतजार नई दिल्ली :  वेतनभोगियों को भविष्य निधि पेंशन कितनी मिलेगी, यह जानने के लिए उन्हें अभी इंतजार करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को वेतन के अनुपात में भविष्य निधि पेंशन देने के फैसले पर फिलहाल परोक्ष रूप से रोक लगा दी है।  इससे पहले गत 31 जनवरी को कोर्ट ने वर्ष 2019 के अपने उस फैसले को वापस लेते हुए पुनर्विचार करने का फैसला लिया था जिसके तहत अधिकतम पेंशन योग्य वेतन प्रतिमाह 15 हजार रुपये की सीमा को खत्म कर अधिक पेंशन देने का रास्ता खुला था।  वर्ष 2018 के केरल हाईकोर्ट के फैसले पर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई थी। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने बृहस्पतिवार को केरल, दिल्ली और राजस्थान हाईकोर्ट में केंद्र सरकार और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के खिलाफ चल रही अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा दी। from shasnadesh.com शासनादेश डॉट कॉम | Government Orders | GO | Circulars https://ift.tt/3knadp8 via IFTTT

सरकारी नौकरी में चयन मेरिट के आधार पर हो : सुप्रीम कोर्ट, कहा- कम मेरिट वालों की नियुक्ति करना संविधान का उल्लंघन

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सरकारी नौकरी में चयन मेरिट के आधार पर हो : सुप्रीम कोर्ट, कहा- कम मेरिट वालों की नियुक्ति करना संविधान का उल्लंघन नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सरकारी नौकरियों में मेरिट के आधार पर ही चयन होना चाहिए। अधिक अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नजरअंदाज कर कम मेरिट वालों लोगों का चयन करना संविधान का उल्लंघन है। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने यह टिप्पणी झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखते हुए दी है, जिसमें सब इंस्पेक्टर के पद पर 43 लोगों की नियुक्ति को सही ठहराया गया था। हाईकोर्ट ने अनियमितताओं को ठीक करने के बाद जारी संशोधित सूची में मेरिट के आधार पर हुई नियुक्तियों को सही माना था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह अपने फैसले में कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि सरकारी नौकरियां मेरिट के आधार पर होनी चाहिए। अधिक अंक हासिल करने वालों की जगह कम मेरिट वाले लोगों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद-14 और 16 के विपरीत है। पीठ ने कहा, 43 याचिकाकर्ताओं को दी गई राहत का मुख्य आधार यह था कि वे पहले ही नियुक्त हो चुके थे और उन्हें उसके लिए सजा नहीं

शीर्ष अदालत ने कहा-सरकारी कर्मचारी वेतन व पेंशन पाने के हकदार, वेतन भुगतान में देरी पर सरकार को देना होगा ब्याज

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शीर्ष अदालत ने कहा-सरकारी कर्मचारी वेतन व पेंशन पाने के हकदार, वेतन भुगतान में देरी पर सरकार को देना होगा ब्याज सुप्रीम फैसला नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि सरकारी कर्मचारी अपना वेतन तथा पेंशन पाने के हकदार हैं। यदि सरकार कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के भुगतान में देरी करती है, तो सरकार को उसे उचित ब्याज दर के साथ वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिएनिर्देशित किया जा सकता है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक पूर्व जिला और सत्र न्यायाधीश द्वारा दायर जनहित याचिका को अनुमति प्रदान की थी और जिसमें मार्च-अप्रैल 2020 के स्थगित वेतन का भुगतान 12 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर से वेतन का भुगतान करने तथा समान ब्याज दर के साथ मार्च 2020 के महीने के लिए लंबित पेंशन का भुगतान करने के लिए कहा गया। राज्य सरकारने उच्च न्यायालय के फैसले को दी चुनौती में केवल ब्याज दर के मुद्दे तक सीमित रखा। राज्य ने तर्क दिया कि राज्य ने वेतन और पेंशन के भुगतान को स्थगित करने का निर्णय लिया था क्योंकि राज्य ने स्वयं को महामारी के कारण अनिश्चित वित्तीय स्थिति में पाया था। ऐसे में राज्य को ब्य

यूपी : एक मार्च से पूरी तरह खुल जाएगा हाईकोर्ट, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होगा अनिवार्य

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यूपी : एक मार्च से पूरी तरह खुल जाएगा हाईकोर्ट, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन होगा अनिवार्य राहत ● लगभग सालभर बाद पूर्ण पारंपरिक ड्रेस में दिखेंगे वकील ● फोटो आइडेंटीफिकेशन सेंटर भी खुलेगा, नहीं छपेगी डेली काजलिस्ट प्रयागराज ।  इलाहाबाद हाईकोर्ट (प्रधान पीठ व लखनऊ बेंच) एक मार्च से पूरी तरह खुल जाएगा। लगभग सालभर बाद अधिवक्ता पूरी पारंपरिक ड्रेस यानी कोट-बैंड व गाउन में दिखेंगे तो यहां के दफ्तरों में लॉकडाउन से पहले की तरह जजेज के स्टाफ सहित विभिन्न अनुभागों के सभी कर्मचारी व अधिकारी ड्यूटी पर आने लगेंगे। डेली काजलिस्ट अगले आदेश तक प्रकाशित नहीं की जाएगी। लिस्ट वाले मुकदमे फिलहाल अतिरिक्त काजलिस्ट में नए मुकदमों के साथ छपते रहेंगे। रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल के अनुसार पहली मार्च से हाईकोर्ट पूरी तरह खुल जाने पर वकील फिर पहले की तरह कोट-बैंड के साथ गाउन भी पहनकर आएंगे। वकीलों के चैंबर और कैंटीन भी खुल जाएगी। मुंशियों का भी प्रवेश होगा लेकिन वादकारियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति फिलहाल नहीं होगी। इन पर्सन पेश होने वाले वादकारियों को अंदर जाने दिया जाएगा और जरूरत होने पर उन्हें ग

सरकार की नीतियों के विरोध में सड़क पर उतरेंगे कर्मचारी-शिक्षक

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सरकार की नीतियों के विरोध में सड़क पर उतरेंगे कर्मचारी-शिक्षक लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कर्मचारियों के प्रति सरकार की नीति के विरोध में सड़कों पर उतरने की तैयारी की है। इसको लेकर बुधवार को परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार को कर्मचारी शिक्षक विरोधी बताया गया। इस दौरान तय किया गया कि आगामी प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक में आंदोलन का स्वरूप घोषित किया जाएगा। बैठक में उप्र हेल्थ मिनिस्ट्रीरियल कर्मचारी संघ ने हरिकिशोर तिवारी पर विश्वास जताते हुए परिषद की संबद्धता ली। बैठक में महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, वेतन विसंगतियां और भत्तों की बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों व शिक्षकों ने एक स्वर में आवाज उठाई। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों की कैशलेस चिकित्सा सुविधा को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस की चिकित्सा सुविधा का नाम देते हुए कर्मचारियों का सरकार से गठित एजेंसी के माध्यम से परिचय पत्र निर्गत करने का काम शुरू किया गया था लेकिन कुछ ही दिनों म

पुरानी पेंशन के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी

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पुरानी पेंशन के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी प्रयागराज। पुरानी पेंशन समेत अनेक मुद्दों को लेकर कर्मचारियों की ओर से एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है। कंफडेरोश्न ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लाइज एंड वर्कर्स प्रदेश इकाई के त्रिवार्षिक अधिवेशन में बुधवार को इस बाबत प्रस्ताव पारित किया जाएगा, जिसे केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखा जाएगा। हालांकि, कर्मचारियों को भाजपा और कांग्रेस से मांगें पूरी होने की उम्मीदें कम है। इसके लिए उन्हें केंद्र में थर्ड फ्रंट की सरकार का इंतजार है। अधिवेशन में शामिल होने के लिए आए कंफडेरेशन के प्रदेश अध्यक्ष आरएन परासर ने कहा कि इस सरकार के निर्णयों से कर्मचारी बहुत परेशान हैं। डीए फ्रीज किए जाने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सरकार टैक्स घटाकर पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर सकती है लेकिन उसे आमदनी की चिंता है। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली की मांग तथा निजीकरण के विरोध में बड़े आंदोलन की बात कही। इस सिलसिले में केंद्रीय एवं राज्य की यूनियनों के अलावा शिक्षकों से भी वार्ता की जा रही है। from shasnadesh.com शासनादेश डॉट कॉम | Government Orders | GO | Ci

निश्चित वेतन पर दशकों तक नहीं ले सकते काम, ऐसे कर्मचारी विनियमितीकरण के हकदार, हाईकोर्ट ने दिया निर्देश

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दैनिक या तय वेतन पर नहीं ले सकते दशकों तक काम निश्चित वेतन पर दशकों तक नहीं ले सकते काम, ऐसे कर्मचारी विनियमितीकरण के हकदार,  हाईकोर्ट ने दिया निर्देश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि सरकारी विभाग किसी से दैनिक या तय वेतन पर दशकों तक काम काम नहीं ले सकते। ऐसे कर्मचारी विनियमितीकरण के हकदार हैं। इसी के साथ कोर्ट ने ऐसे कर्मचारी को नियमित करने से इनकार करने के आदेश को रद्द करते हुए सेवा नियमित करने पर विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसके मिश्र ने चंद्रमणि की याचिका पर दिया है। याची के अधिवक्ता आरएन यादव व अभिषेक कुमार यादव का कहना था कि याची जिला विकास कार्यालय जौनपुर में 1992 से इलेक्ट्रीशियन के रूप में कार्यरत है। उसे नियमित वेतन भुगतान किया जा रहा है। 29 साल के बाद उसने सेवा नियमित करने की मांग की, जो अस्वीकार कर दी गई। याची के अधिवक्ता का कहना था कि वर्ष 2016 में सेवा नियमितीकरण नियमावली बनी।नियम 6(1) में व्यवस्था दी गई कि सरकारी विभाग में 31 दिसम्बर 2001 तक जितने भी तृतीय व चतुर्थ अस्थायी कर्मचारी हैं, नियमित किए जाने के हकदार हैं। उन्हे खाली पद