Cabinet approval : अब कमिश्नर व डीएम कर सकेंगे आरक्षण श्रेणी की भूमि का पुनर्ग्रहण और श्रेणी परिवर्तन



Cabinet approval : अब कमिश्नर व डीएम कर सकेंगे आरक्षण श्रेणी की भूमि का पुनर्ग्रहण और श्रेणी परिवर्तन



विकास योजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए यूपी सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण श्रेणी परिवर्तन के अधिकार मंडलायुक्त और डीएम को देने का फैसला किया है।...



लखनऊ । विकास से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय के अधिकार मंडलायुक्त और कलेक्टर (डीएम) को देने का फैसला किया है। कलेक्टर 40 लाख रुपये मूल्य तक की भूमि का पुनर्ग्रहण कर सकेंगे। वहीं मंडलायुक्त को 40 लाख रुपये से अधिक मूल्य की भूमि के पुनर्ग्रहण का अधिकार होगा। अभी तक यह अधिकार शासन में निहित थे।


राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई। सरकार के इस फैसले से एक्सप्रेसवे, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के निर्माण तथा राजकीय मेडिकल कॉलेजों और महाविद्यालयों की स्थापना के लिए भूमि शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 77 में प्राविधान है कि आरक्षित श्रेणी की कोई भूमि या उसका कोई भाग लोक प्रयोजन के लिए खरीदी, अर्जित या पुनर्गृहीत किए गए भूखंड या भूखंडों से घिरी है या उसके बीच में है तो राज्य सरकार लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी को बदल सकेगी। यदि लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी बदली जाती है तो उस जमीन के बराबर या उससे अधिक भूमि उसी प्रयोजन के लिए उसी ग्राम पंचायत या अन्य स्थानीय प्राधिकरण में सुरक्षित कर दी जाएगी।


प्राय: सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत की गई भूमि के बीच में आरक्षित श्रेणी की कोई जमीन आ जाती है। इससे परियोजना में रुकावट आती है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को ऐसी जमीन की श्रेणी बदलनी पड़ती है और उसका पुनर्ग्रहण करना पड़ता है। बदले में उसी प्रयोजन के लिए उतनी ही जमीन अन्य स्थान पर उपलब्ध करानी पड़ती है। जमीन के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय की शक्ति शासन के पास होने की वजह से ऐसे प्रस्ताव शासन को भेजे जाते थे। इससे परियोजनाओं में विलंब होता था। इसलिए शासन ने अब यह अधिकार मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दे दिए हैं।


क्या है आरक्षित श्रेणी की भूमि : आरक्षित श्रेणी की भूमि के तहत खलिहान, चरागाह, खाद के गड्ढे, कब्रिस्तान या श्मशान, तालाब की जमीन और नदी के तल में स्थित भूमि आदि आती हैं।


from shasnadesh.com शासनादेश डॉट कॉम | Government Orders | GO | Circulars https://ift.tt/2ZrRChs
via IFTTT

Comments

Popular posts from this blog

संविदा कार्मिकों के ई0एस0आई0 नियोक्ता अंशदान के सम्बन्ध में महानिदेशक का आदेश जारी - esi Employer contribution

शकषक सतर 2023-24 म बसक शकष परषद क अधन सचलत वदयलय म करयरत शकषक एव शकषक क अनतरजनपदय सथननतरण क समबनध म Up Basic Teacher Transfer New Order 2023

प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन, 2021 के लिए कोविड-19 के दृष्टिगत मानक संचालन प्रक्रिया (sOP) - panchayat chunav latest govt order,