दिल्ली मॉडल बनाम यूपी मॉडल - प्रदेश में स्कूलों के हालात का जायजा लेने आये दिल्ली शिक्षा मंत्री को यूपी पुलिस ने रोका तो क्या बोले मनीष सिसौदिया (दिल्ली शिक्षा मंत्री) Delhi Vs Up

दिल्ली मॉडल बनाम यूपी मॉडल - प्रदेश में स्कूलों के हालात का जायजा लेने आये दिल्ली शिक्षा मंत्री को यूपी पुलिस ने रोका तो क्या बोले मनीष सिसौदिया (दिल्ली शिक्षा मंत्री) Delhi Vs Up

स्कूलों का निरीक्षण करने जाने लगे मनीष सिसोदिया तो पुलिस ने रोका, डिप्टी सीएम सिसोदिया बोले- यूपी में शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खराब
यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने के एलान के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ घेरेबंदी तेज कर दी है। इसी कड़ी में दिल्ली और यूपी के विकास मॉडल पर खुली बहस के नाम पर मंगलवार को लखनऊ पहुंचे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को अपनी सरकार के काम पर भरोसा है तो उन्हें खुली बहस के लिए सामने आना चाहिए लेकिन बहस करने की चुनौती देकर भी वह सामने नहीं आ रहे हैं।


बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा के तुरंत बाद प्रदेश के एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने केजरीवाल की घोषणा को हास्यापद बताते हुए कहा था दिल्ली की सरकार कई मोर्चों पर फेल हो चुकी है और अब यूपी का सपना देख रही है। साथ ही उन्होंने दिल्ली सरकार को दिल्ली के विकास मॉडल और यूपी के विकास मॉडल पर खुली बहस की चुनौती भी दी थी।


सिद्धार्थनाथ सिंह की इस चुनौती को स्वीकार करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने मंगलवार को लखनऊ आकर बहस करने की घोषणा कर दी थी। इसी कड़ी में लखनऊ पहुंचे मनीष सिसोदिया ने आप के प्रदेश प्रभारी संजय सिंह के साथ गांधी भवन पहुंचकर कई घंटे तक प्रदेश के किसी मंत्री के आने का इंतजार किया लेकिन किसी मंत्री के न पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं तो सिद्धार्थनाथ सिंह द्वारा शिक्षा, बिजली, पानी, रोजगार समेत अन्य बुनियादी मुद्दों पर बहस के लिए दी गई चुनौती का सामना करने के लिए लखनऊ आ चुका हूं, लेकिन उनकी ओर से अब तक कोई भी सूचना नहीं दी गई है।

यूपी की राजनीति में पहली बार शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी जैसे मुद्दों पर बात हो रही है
सिसोदिया ने कहा कि जिस दिन सिद्धार्थनाथ सिंह ने बहस की चुनौती दी थी उसी दिन उन्होंने कहा था कि मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करता हूं लेकिन उसके बाद आज तक सिद्धार्थनाथ सिंह ने समय और स्थान नहीं बताया। सिसोदिया ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पिछले चार साल के दौरान यूपी सरकार ने शिक्षा, बिजली और रोजग़ार के क्षेत्र में जो काम किए हैं उन पर खुली बहस के लिए मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह जरूर आएंगे।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें अच्छा लग रहा है कि पहली बार यूपी की राजनीति में शिक्षा, स्वास्थ्य, सस्ती बिजली, पानी जैसे मुद्दे उठ रहे हैं। इन मुद्दों पर बहस की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल से यूपी में भाजपा की सरकार है लेकिन यूपी में लोग पूछ रहे हैं कि हमें क्या मिला। पांच साल में दिल्ली में सरकारी स्कूल अच्छे हो गए। यहां हालत खराब है।

दिल्ली में सरकारी स्कूलों के बच्चों के नतीजे 98 प्रतिशत आने लगे हैं। यूपी में सरकारी स्कूलों के बच्चों के नतीजे 70 से 75 प्रतिशत पर अटके हुए हैं। दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी गई। यूपी में कई गुना बढ़ गई। दिल्ली में 70 से 80 प्रतिशत लोगों को बिजली फ्री मिल रही है। यूपी में बिजली की दरें लगातार बढ़ रही हैं। दिल्ली में बिजली-पानी चौबीसों घंटे आता है। यूपी में कितनी आती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी में चार सालों में हालत बद से बदतर हो गई है।

सिद्धार्थनाथ के लिए भी रखी गई थी कुर्सी
दिल्ली व यूपी के विकास माडल पर खुली बहस के लिए आप की ओर से गांधी भवन में बकायदे मंच सजाया गया था। जिसपर बहस के संबंध में बैनर भी लगाया गया था। जिसमें मनीष सिसोदिया के साथ ही सिद्धार्थनाथ सिंह की भी फोटो लगाई गई थी। इसी तरह मंच पर मनीष सिसोदिया व आप प्रभारी संजय सिंह के अलावा प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह केलिए भी अलग से कुर्सी लगाई गई थी और उस पर उनके नाम की पर्ची भी चिपकी थी। 

स्कूलों का निरीक्षण करने जाने लगे मनीष सिसोदिया तो पुलिस ने रोका
इसके पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जब लखनऊ पहुंचे और सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए जाने लगे तो पुलिस ने रायबरेली रोड पर उतरेटिया में उनके काफिले को रोक लिया।

जिस पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह शर्मनाक है आज जब हम सरकारी स्कूल देखने जा रहे हैं तो हमको रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार दमन पर उतर आई है। अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल व अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए आना चाहें तो वह स्वतंत्र हैं।


source https://www.shasanadesh.in/2020/12/delhi-vs-up.html

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