'मरने वाला भविष्य में कितना कमाता...मुआवजा इस पर', वाहन दुर्घटना मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
'मरने वाला भविष्य में कितना कमाता...मुआवजा इस पर', वाहन दुर्घटना मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोटर एक्सिडेंट केस में पीड़ित की मौजूदा आमदनी में भविष्य की संभावित आमदनी जोड़कर ही मुआवजा तय किया जाए। कोर्ट ने मृतक के परिवारीजनों की अर्जी पर मुआवजा राशि बढ़ा दी और कहा कि इंश्योरेंस कंपनी बढ़ी रकम 17 लाख 50 हजार दे। इस पर 7.5 फीसदी ब्याज भी दिया जाए। अदालत ने कहा कि विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मुआवजा बढ़ाना जरूरी है, तभी संपूर्ण न्याय होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मृतक के आखिरी आईटी रिटर्न पर विचार न कर गलती की। वह रिटर्न मृतक ने मरने से पहले दाखिल किया था। उसमें आमदनी एक लाख सालाना बताई गई थी। हाई कोर्ट ने उससे पहले के तीन रिटर्न का औसत 52,635 रुपये सालाना आमदनी माना, जो गलती थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा सलाना आमदनी एक लाख में हम 40 फीसदी भविष्य की आमदनी जोड़ रहे हैं और उसके आधार पर मुआवजा तय कर रहे हैं। मामला उत्तराखंड के बनबसा थाने का है। 18 जून 2007 को हरीश आर्या को वाहन ने टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।
from shasnadesh.com शासनादेश डॉट कॉम | Government Orders | GO | Circulars https://ift.tt/31pSoyb
via IFTTT
Comments
Post a Comment