बिजली का बिल "1 लाख के पार, तो भरना पड़ेगा ITR, आयकर विभाग ने FY2019-20 के लिए ITR फॉर्म किए नोटिफाई

बिजली का बिल "1 लाख के पार, तो भरना पड़ेगा  ITR


आयकर विभाग ने FY2019-20 के लिए ITR फॉर्म किए नोटिफाई



 नई दिल्ली 
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं। सरकार ने किसी व्यक्ति के करंट एकाउंट में एक करोड़ रुपये से अधिक के डिपॉजिट या वित्त वर्ष के दौरान एक लाख रुपये या उससे अधिक के बिजली बिल का भुगतान होने पर आयकर रिटर्न भरना और उसका ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया है।


केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने असेसमेंट ईयर 2020-21 के लिए सहज (ITR-1) फॉर्म, ITR-2 फॉर्म, ITR-3 फॉर्म, सुगम (ITR-4), ITR-5 फॉर्म, ITR-6, ITR-7 फॉर्म और ITR-वी फॉर्म जारी किए हैं।


नए आयकर रिटर्न फॉर्म में करदाताओं को वर्ष के दौरान बड़े खर्चों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। किसी व्यक्ति के चालू खाते में एक करोड़ रुपये से अधिक की जमा, विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये या उससे अधिक का खर्च या वर्ष के दौरान एक लाख रुपये से अधिक बिजली बिल जैसे ऊंचे लेनदेन से जुड़ी जानकारियां देना अनिवार्य होगा।


CBDT ने ITR-1, 2, 3 और 4 में नए कॉलम जोड़े हैं। उसने इसमें पूछा है कि क्या आपने पिछले साल एक या इससे ज्यादा करंट एकाउंट में कुलमिलाकर एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जमा की है/ क्या आपने अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं/ क्या आपने बिजली खपत पर एक लाख रुपये से ज्यादा पैसा खर्च किया है/ इस तरह अगर किसी के लिए इन तीनों में से किसी भी सवाल का जवाब 'हां' होगा तो उसे वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ITR भरना होगा, भले ही इन सवालों को हटाकर उसे ITR भरने की जरूरत न रही हो।



पहली तिमाही के निवेश की अलग से जानकारी: कोविड-19 संकट के चलते आयकर रिटर्न दाखिल करने के बारे में दी गई विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2019-20 के आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है। सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं। इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश-2020 लेकर आई है। 


इसके हिसाब से आयकर की धारा 80सी (जीवन बीमा, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, राष्ट्रीय बचत पत्र आदि), 80D (स्वास्थ्य बीमा) और 80G (दान) इत्यादि के तहत ली जाने वाली छूट के लिए अंतिम निवेश तिथि बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। नए फॉर्म में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए निवेश छूट का लाभ उठाने के लिए 2020-21 की पहली तिमाही में किए गए निवेश की अलग से जानकारी देनी होगी।


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